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Plant distribution program under Scheduled Castes Sub-Plan

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा दिनांक 26/08/2022 को “सतत फलोत्पादन हेतु मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन” पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना के 70 किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि पेड़ एवं पौधे मानव जीवन में बहुत उपयोगी भूमिका निभाते हैं वातावरण को शुद्ध रखने और संतुलन बनाए रखने में पेड़ पौधों का अहम योगदान रहता है। जिस प्रकार मनुष्य को संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार पौधों की वृद्धि और विकास के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व तथा खनिज की आवश्यकता होती है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स ऐसे पोषक तत्व है जो पौधों को पोषण की आपूर्ति करते हैं और उन्हें विकसित करने में उपयुक्त मात्रा में खाद उर्वरक तथा पोषक तत्व की आवश्यकता होती है जैसे नाइट्रोजन,पोटेशियम, फास्फोरस,कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फरऔर आदि पोषक तत्व की उपयोगिता के बारे में अवगत कराया। डॉ. विशम्भर दयाल,वैज्ञानिकफसल सुधार प्रभाग एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना ने संस्थान द्वारा विकसित आम की प्रजाति अंबिका तथा अरूणिका की विशेषताओं का उल्लेख किया उन्होंने बताया कि यह फल सुंदर होने के साथ-साथ खाने में स्वादिष्ट एवं पौष्टिकता से भरपूर है इस अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ की निदेशक डॉ नीलिमा गर्ग तथा डॉ. विशम्भर दयाल, के तत्वाधान में सीआईएसएच द्वारा विकसित अंबिका (500) एवं अरूणिका (500) के पौधों का वितरण किया। इसके अलावा आम्रपाली, लंगड़ा, चौसा, मल्लिका, तथा सीआईएसएच द्वारा विकसित अमरूद की प्रजाति धवल ( 300) के पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में तथा पौध वितरण में वीरेंद्र कुमार गौतम तथा मोहम्मद शादाब ने भूमिका निभाई।कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशा निर्देशों पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विशम्भर दयाल ने किया।